प्रारंभिक जीवन
डॉ. काशी नाथ चटर्जी का जन्म 2 अक्टूबर 1958 को पलामू जिले के छिपादोहर (वर्तमान लातेहार, झारखंड) में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सातवीं कक्षा तक गुरपा स्टेशन जंगल, गया (बिहार) में हुई। इसके बाद उन्होंने दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई फतेहपुर, गया (बिहार) में पूरी की।
उन्होंने मैट्रिक धनबाद खालसा हाई स्कूल से उत्तीर्ण किया। फिर कॉमर्स में इंटरमीडिएट धनबाद गुरु नानक कॉलेज से किया। बी.कॉम की पढ़ाई आर.एस. मोर कॉलेज, गोविंदपुर, धनबाद से पूरी की। इसके बाद उन्होंने भागलपुर विश्वविद्यालय से एम.कॉम तथा विनोबा भावे विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की।
शैक्षणिक और सामाजिक योगदान
1982 – महुदा कॉलेज में कॉमर्स विभागाध्यक्ष के रूप में योगदान।
1992 – भारत ज्ञान विज्ञान समिति, धनबाद के सचिव बने।
1993 – साक्षरता वाहिनी, धनबाद के सचिव बने। उनके नेतृत्व में 4 लाख 65 हजार निरक्षरों को 50 लाख वॉलेंटियर्स ने साक्षर बनाया। इस प्रयास के लिए धनबाद जिला को साक्षरता में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हुआ।
1995 – भोजूडीह कॉलेज, बोकारो के संस्थापक प्राचार्य बने।
1996 – बिहार ज्ञान विज्ञान समिति के संस्थापक अध्यक्ष बने।
1998 – भारत सरकार के राष्ट्रीय साक्षरता मिशन (National Literacy Mission) में परामर्शदाता नियुक्त हुए।
2002 – भारत ज्ञान विज्ञान समिति की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य बने।
2004 – सतत शिक्षा (Continuing Education) के राष्ट्रीय संयोजक बने।
2012 – 2018 – राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष (National Treasurer) रहे।
2018 – 2024 – राष्ट्रीय महासचिव (National General Secretary) पद पर कार्य किया।
साहित्यिक और शैक्षणिक योगदान
डॉ. चटर्जी की रचनाओं में प्रमुख हैं—
अफ़ग़ानिस्तान यात्रा-वृत्तांत पर आधारित पुस्तक
“युव नेतृत्व”
“पंचायत योजना निर्देशिका” (Youth Leadership and Panchayat Planning Guide Book)
अन्य कार्य एवं मान्यता
उनके जीवन और कार्यों पर प्रख्यात बांग्ला लेखक अजीत राय ने एक पुस्तक लिखी है।
डॉ. चटर्जी, प्रो. दीपक कुमार सेन के छात्र रहे हैं। वर्तमान में वे ‘शिल्पय अनन्या’ बांग्ला पत्रिका की परामर्श समिति के सदस्य हैं। इसके अतिरिक्त वे प्रो. दीपक कुमार सेन के साथ लिटिल मैगज़ीन मेला में भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

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