Dhananjay Prasad

Dhananjay Prasad

लेखक/कवि परिचय

पूरा नाम: धनंजय प्रसाद


संताल परगना के साहित्यिक उर्वरक भूमि- मधुपुर में बहुचर्चित – इंजोर , साहित्यिक पत्रिका के संपादक -धनंजय प्रसाद का जन्म 01 अप्रैल 1966 में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था । इनके पिताजी का नाम जगदीश प्रसाद व माता जी का नाम शकुन्तला देवी था । ये अपने माता-पिता के ज्येष्ठ संतान है और छात्र जीवन से ही संघर्षशील रहे हैं । इन्होंनें – एल० एल० बी०, बी० एड० व पत्रकारिता से डिप्लोमा की शिक्षा ली है ।

इन्होंने वैकल्पिक पत्रकारिता की शुरुआत की है और कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन व प्रकाशन किया है । जिसमें प्रमुख रुप से – ‘नया भारत ( मासिक पत्र ) 1987 , समाचार दर्शन , (पाक्षिक पत्र) 1987 से 2000 तक, ‘इंजोर , ( साहित्यिक पत्रिका ) 1995 से नियमित आज तक , ‘जनवाणी’ ( मासिक पत्र ) 2001 से 2005 तक , ‘दस्तक’ ( साहित्यिक मासिक पत्र ) 2007 से 2011 तक , ‘शीरी’ ( साहित्यिक फोल्डर ) 1994 , शहर परिकमा (मासिक ) 2013 से., ‘किसलय’ ( बाल शैक्षणिक पुस्तक ) , वन के फूल ( कहानी संग्रह ) , नूरे गज़ल , रक्सें गज़ल , बज़्में गज़ल आदि ।

विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनकी साहित्यिक रचनाएं प्रकाशित होते रही है । जिसमें प्रमुख रुप से – सा० हिन्दुस्तान , वर्तमान साहित्य , उद्भावना , स्वाधीनता , उतरा , नया पथ , लीला अभिव्यक्ति , दिशाबोध , प्रभात खबर , हिन्दुस्तान , नवभारत टाइम्स , दैनिक आज , सहित दर्जनों पत्र – पत्रिकाएं एवं स्मारिकाओं में इनकी रचनाएं 1984 से प्रकाशित होती रही है ।
इनकी विभिन्न कृतियां अब तक प्रकाशित हो चुकी है । जिसमे प्रमुख रुप से – रेत पर तन्हा , ( काव्य संकलन ) 2003 , कही-अनकही , (अग्रलेख संकलन ) 2005 , इंसानियत’ (लघुकथा संकलन) 2007 , के हरामखोर ( खोरठा लघुकथा संकलन ) 2007, इंजोर जिनगी (खोरठा जीवनी संकलन ) 2013 , साहित्य संगम , ( काव्य संकलन ) 2013 , विरासतें मधुपुर ( काव्य संकलन ) 2014 , मानवाधिकार , ( आलेख संग्रह ) 2017 , पानी बिना सब सून , (2017) , आधी दुनियां – महिला दशा और दृष्टि , ( 2017 ) , मधुपुर एक झलक , ( संकलन ) 2018 , काइल हमर , खोरठा गइद – पइद संकलन ( 2018 ) आदि ।

इन्होंनें पत्रकारिता की शुरुआत – समाचार ंप्रेषण एवं फीचर लेखन के रुप में 1984 से विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में किया है । जिसमें प्रमुख रुप से – नवभारत टाइम्स, जनमत , संमार्ग, , विश्वमित्र , आर्यावर्त , दैनिक आज , प्रभात खबर , दैनिक जागरणक्ष आदि पत्रों में , व जनछवि , विकास, शंखनाद , समकालीन तापमान , हरिघाटी आदि पत्रिकाएं सहित दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं से जुड़कर पत्रकारिता किये ।

शुरु से अब तक विभिन्न संगठनों से जुड़कर इन्होने संघर्ष किया और मौजूदा समय में विभिन्न संगठनों उच्चस्तरीय कमेटी में उच्च पदों पर कार्यरत हैं , जो इस प्रकार है – केंद्रीय – अध्यक्ष व संस्थापक – खोरठा साहित्य एवं संस्कृति विकास परिषद ।‌ संरक्षक – राहुल अध्ययन केंद्र , प्रेस क्लब , ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन मधुपुर व उपभोक्ता संघ । प्रांतीय सह सचिव – जनवादी लेखक संघ , झारखंड एवं ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन झारखंड । सदस्य- खोरठा भाषा अकादमी झारखंड ।

इस पत्राकारिता व संगठनात्मक कार्य के कई महत्वपूर्ण सम्मानों से सम्मानित किया गया है , जिसमें प्रमुख रुप से ये है — निर्भीक एवं निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए 1996 में सम्मानित , खोरठा साहित्य संस्कृति की समृद्धि एवं विकास के लिए खोरठा रत्न से सम्मानित ( 2001 ) , हिन्दी रत्न से सम्मानित ( 2013 ) संगठन एवं साहित्य समृद्धि के लिए सम्मान ( 2015 ) , खोरठा पत्रकारिता का प्रथम सम्मान ( 2019 ), के अलावे दर्जनों संगठनों व संस्थानों द्वारा इन्हें सम्मानित किया गया ।

आप पेशे से वरिष्ठ अधिवक्ता है और मधुपुर , देवघर सिविल कोर्ट में तीन दशक से विधिक सेवा में कार्यरत है ।जन – जागरण के उद्देश्य से विभिन्न विद्यालयों, गांवों में कानूनी जागरूकता कार्यक्रम विगत दो दशक से करते आ रहे हैं ।

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Author: admin

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